अश्वेत नारीवादी आंदोलन पर कुछ ज़रूरी बातें
लंबे समय तक नस्लवाद और लिंगविशेष के वर्चस्व में रहने के कारण विरासत में मिले इस इतिहास में वे अपने लिए बनी बेहद अजीब और अपमानजनक छवियों को बगल में दबाए हुए जिए जा रही थीं.
लंबे समय तक नस्लवाद और लिंगविशेष के वर्चस्व में रहने के कारण विरासत में मिले इस इतिहास में वे अपने लिए बनी बेहद अजीब और अपमानजनक छवियों को बगल में दबाए हुए जिए जा रही थीं.
फिर लिखना तो मेरे लिए जिन्दा होने का सबूत है और मनुष्य होने का भी.
रंगमंच का माहौल डरपोक, लिजलिजे और चंपू किस्म के लोगों से भरा हुआ है, जिनको अपनी कला और पुरूषार्थ से अधिक अपनी चमचई और कैनवासिंग पर भरोसा है, इसके लिए वो अपनी राह बनाते भी है और दूसरों की राह खोदते भी हैं.
केदारनाथ सिंह जैसी कविता लिखने के चक्कर में कितनी भ्रूण हत्यायें हुई हैं – इसका कोई हिसाब नहीं. उदय प्रकाश का उदाहरण सबके सामने है, जो केदारजी जैसी कविता लिखने के चक्कर में कहानी के घाट जा लगे.