सम्पूर्ण जीवन मैं कौतूहल से ब्याही हुई एक दुल्हन थी
मैरी ऑलिवर की कुछ कविताएं
मैरी ऑलिवर की कुछ कविताएं
नाज़िम हिकमत की कुछ कविताएं
बाहर दुनिया में अंधकार है, लेकिन थोड़ी रोशनी भी है. हमारे पास अभी भी किताबें हैं, हमारे पास कानून है, अभी भी हमारे पास पाठक हैं, हमारे पास त्यौहार हैं, हमारे पास रॉयल्टी चेक और अवार्ड हैं, लेकिन सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि हम सब साथ हैं.
आख़िरी बातचीत : विष्णु खरे से अविनाश मिश्र